जयपुर: राजस्थान सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 में संशोधन किया है। इसके तहत सीधी भर्ती की प्रक्रिया में नियमितता और उम्र संबंधी छूट का प्रावधान किया गया है।
संशोधित नियमों के मुख्य बिंदु
नया नियम 17क जोड़ा गया है, जिसके तहत पुलिस कांस्टेबल जैसे पदों पर हर साल कम से कम एक बार सीधी भर्ती करना अनिवार्य किया गया है। सरकार केवल विशेष परिस्थितियों में ही भर्ती न करने का निर्णय ले सकेगी।
नियम 11(3) में बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार
“यदि कोई अभ्यर्थी ऐसे वर्ष में भर्ती के लिए आयु योग्य था जिसमें भर्ती नहीं हुई थी, तो उसे अगली भर्ती में अधिकतम तीन वर्ष तक की आयु छूट दी जा सकेगी।”
युवाओं की मांग: आयु सीमा में अतिरिक्त राहत
हालांकि ये बदलाव स्वागत योग्य हैं, लेकिन युवाओं और प्रतियोगी अभ्यर्थियों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है। कोविड काल और कई वर्षों तक भर्ती न निकलने की स्थिति को देखते हुए सरकार और गृह विभाग को चाहिए कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती में न्यूनतम तीन वर्ष की आयु सीमा में छूट प्रदान करें, ताकि जिनका समय पहले की देरी में बीत गया है, वे एक बार फिर से मौका पा सकें।
युवा वर्ग का कहता
प्रतियोगियों का कहना है कि यदि भर्ती हर साल नहीं होती है, तो उसका सीधा नुकसान उम्र सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को होता है। ऐसे में उन्हें पिछली छूटी हुई भर्तियों के बदले में कम से कम 3 साल की आयु छूट मिलनी चाहिए। सरकार ने नियमों में सकारात्मक बदलाव जरूर किए हैं, परंतु युवाओं की मांग है कि नियम 11(3) में आयु छूट को 3 साल से बढ़ाकर 5 साल तक किया जाए, खासकर उन युवाओं के लिए जो वर्षों तक भर्ती का इंतजार करते रह गए। यह कदम न केवल न्यायपूर्ण होगा, बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए आशा की किरण भी बनेगा।