कल मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे देश ने एक और काला दिन देखा है। पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुआ यह आतंकी हमला जिसमें 26 टूरिस्ट, जिनमें से 2 विदेशी और 24 भारतीय के ऊपर गोलियां चलाई गईं। यह हमला 26/11 के बाद अब तक का सबसे भयावह हमला माना जा रहा है। बल्कि यह 26/11 से कम नहीं है। यह भारत का “7 अक्टूबर” जैसा दिन है। यह सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान पर सीधी चोट है। यह एक राष्ट्रीय त्रासदी है, और इसका जवाब केवल श्रद्धांजलियों और औपचारिक निंदा तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री का बयान: “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। इस घृणित हमले के पीछे जो भी हैं, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक मंसूबा कभी सफल नहीं होगा। आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई अडिग है और अब और भी कठोर होगी।”
गृह मंत्री अमित शाह स्थिति की समीक्षा के लिए श्रीनगर रवाना। घटना के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तुरंत श्रीनगर रवाना हो गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है