राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों पर सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, आज शाम जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें प्रदेश से घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर निकालने की योजना पर मुहर लग सकती है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री भारती शर्मा के साथ गृह विभाग, खुफिया एजेंसियों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। बैठक में राज्य में मौजूद अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या, उनकी गतिविधियों, संभावित खतरे और अब तक की गई कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। साथ ही आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा होगी।
यह कदम उस समय उठाया जा रहा है जब राज्य में पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दू शरणार्थियों की नागरिकता प्रक्रिया को लेकर तेजी आई है। ऐसे में सरकार का यह स्पष्ट संकेत है कि वह अवैध घुसपैठियों और धार्मिक प्रताड़ना से आए शरणार्थियों के बीच अंतर करते हुए कानून व्यवस्था को प्राथमिकता देने जा रही है।
बताया जा रहा है कि राजस्थान के कुछ जिलों, विशेषकर भरतपुर, अलवर, जयपुर और कोटा में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों के रहने की सूचना है। इन घुसपैठियों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान पत्र बनवाने और स्थानीय संसाधनों पर दबाव बढ़ाने जैसे गंभीर आरोप हैं। अगर इस बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी मिलती है तो आने वाले दिनों में राज्य में व्यापक स्तर पर पहचान और निर्वासन अभियान शुरू हो सकता है।