27 अप्रैल से शुरू होगा सात दिवसीय ‘जालोर पराक्रम पर्व’
जालोर के ऐतिहासिक गौरव और वीरता को सजीव करने हेतु 27 अप्रैल से भगतसिंह क्रीड़ास्थल में ‘जस जालोर रो… इतिहास गाथा’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन महाराजा कान्हड़देव और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध की 714वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया जा रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, इतिहास संकलन समिति एवं संस्कृति शोध परिषद के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इसमें प्रसिद्ध इतिहासकार एवं शिक्षक राजवीर चलकोई मुख्य वक्ता होंगे, जबकि श्री भैरुनाथजी अखाड़ा के महंत गंगानाथ महाराज के सानिध्य में कार्यक्रम सम्पन्न होगा। कार्यक्रम में पाथेय कण के सह-संपादक श्यामसिंह तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक संजीव कुमार विशिष्ट अतिथि होंगे।
इस ऐतिहासिक आयोजन की पूर्व तैयारियों हेतु सेंटेंस स्कूल, जालोर में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें डाइट उपाचार्य शांतिलाल दवे, संस्कृति शोध परिषद के निदेशक संदीप जोशी, किशोर सिंह राजपुरोहित, कल्पेश बोहरा, मुकेश सुंदेशा व रूपेंद्र सिंह सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
‘जालोर पराक्रम पर्व’ के अंतर्गत 6 दिवसीय युद्ध गाथा का होगा मंचन:
27 अप्रैल से 3 मई तक चलने वाले इस कार्यक्रम में युद्ध की घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत किया जाएगा:
पहला दिन: अलाउद्दीन खिलजी का आक्रमण, वीरांगना हीरादे का पराक्रम, गद्दार पति का वध, रात्रि युद्ध की शुरुआत
दूसरा दिन: युद्ध का नेतृत्व कांधल द्वारा, कांधल व कान्हा उलीचा का बलिदान
तीसरा दिन: जैत्रा देवड़ा और लूणकरण का संघर्ष
चौथा दिन: महाराज कान्हड़देव द्वारा घोड़ों का दान
पांचवां दिन: 1584 स्थानों पर जौहर, मातृशक्ति का बलिदान
छठा दिन: वीर कान्हड़देव का बलिदान दिवस
सातवां दिन (3 मई): समापन समारोह
संस्कृति शोध परिषद के अनुसार यह आयोजन नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने का माध्यम बनेगा।