राजस्थान ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 60 पदक (24 स्वर्ण, 12 रजत, 24 कांस्य) जीतकर तीसरा स्थान हासिल किया। पिछले साल के मुकाबले यह एक बड़ी छलांग है, जब राज्य ने 47 पदकों के साथ पांचवां स्थान प्राप्त किया था।
राजस्थान की उपलब्धियाँ
साइक्लिंग: 14 पदक, जिनमें 9 स्वर्ण शामिल हैं।
शूटिंग: 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में पहला स्वर्ण पदक।
कुश्ती: महिला टीम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
अन्य खेल: एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, जूडो, योग, फेंसिंग, वेटलिफ्टिंग, कलारीपयट्टु, बास्केटबॉल, तीरंदाजी, तैराकी, कबड्डी और रग्बी में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन।
खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश
राजस्थान में खेल अवसंरचना के विकास के लिए कई पहलें की गई हैं:
जयपुर: ऑल इंडिया सब-जूनियर बैडमिंटन रैंकिंग टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा।
उदयपुर, जोधपुर, अलवर: विभिन्न आयु वर्गों के लिए राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं का आयोजन।
फंडिंग में असमानता
हालांकि राजस्थान का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है, लेकिन फंडिंग के मामले में अन्य राज्यों को अधिक प्राथमिकता दी गई है:
गुजरात: केवल 13 पदकों के बावजूद ₹606.37 करोड़ की फंडिंग प्राप्त हुई।
उत्तर प्रदेश: 52 पदकों के लिए ₹500.96 करोड़ की फंडिंग मिली।
इसके विपरीत, राजस्थान को अपेक्षाकृत कम फंडिंग मिली, जबकि उसका प्रदर्शन बेहतर रहा।
यदि प्रदर्शन के आधार पर फंडिंग का वितरण किया जाए, तो राजस्थान जैसे राज्यों को अधिक संसाधन मिल सकते हैं। इससे न केवल खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि देश का समग्र खेल प्रदर्शन भी सुधरेगा।राजस्थान ने खेलो इंडिया 2025 में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। अब आवश्यकता है कि फंडिंग का वितरण निष्पक्ष और प्रदर्शन आधारित हो, ताकि सभी राज्यों को समान अवसर मिल सकें।