डोली-धवा क्षेत्र में इंडस्ट्रीज से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी की समस्या से निजात पाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। इस दिशा में जेपीसीआरएफ ट्रस्ट द्वारा एक नई योजना बनाई गई है, जिसके तहत सीईटीपी से निकलने वाले ट्रीटेड पानी को मौजूदा स्थान के बजाय जोजरी नदी के दूसरे छोर पर ले जाया जाएगा। इसके लिए 600 मिमी व्यास की करीब 4 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जो विवेक विहार योजना से होकर पाली रोड के पास जोजरी नदी से जुड़ेगी। योजना पर काम शुरू करने से पहले प्रदूषण नियंत्रण विभाग व प्रशासन से अनुमति ली जाएगी। अनुमानित खर्च करीब 5 करोड़ रुपए होगा।
वर्तमान में जोजरी नदी में छोड़ा जा रहा ट्रीटेड पानी डोली, धवा और झंवर जैसे गांवों तक पहुंच चुका है, जिससे 40-50 किलोमीटर तक की जमीन बंजर हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी पूरी तरह से ट्रीट नहीं होता, जिससे बदबू व पर्यावरण संकट बढ़ रहा है। वन्यजीवों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। जेपीसीआरएफ से जुड़े उद्योगपतियों का दावा है कि पानी पूरी तरह ट्रीटेड है और पौधरोपण में उपयोग योग्य है। नई पाइपलाइन से गंदे पानी के फैलाव पर रोक लगेगी और समस्या का समाधान संभव होगा। ट्रस्ट की ओर से वित्तीय संसाधन जुटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
अब भी इस योजना से डोली-धवा क्षेत्र को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, जहां लंबे समय से केमिकलयुक्त पानी के कारण जन-जीवन प्रभावित हो रहा है वहां ये समझने की जरूरत है कि केमिकल फैक्ट्रियों से आता है असली इलाज तो यहां होना चाहिए।