जोधपुर की जीवनरेखा कही जाने वाली जोजरी नदी अब ज़हर उगलने लगी है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि इलाके में हवा में घुला रासायनिक जहर अब लोगों के घरों में रखी चांदी और पीतल तक को काला करने लगा है। क्षेत्रवासियों के अनुसार, बीती रात एक महिला ने अपनी चांदी की चूड़ियों को पूरी तरह काले पड़े हुए पाया, जिससे वह हैरान और भयभीत हो उठीं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जोजरी नदी में लगातार हो रहा औद्योगिक अपशिष्ट का अवैध निपटान और रसायनों का रिसाव अब सिर्फ नदी और मिट्टी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह हवा में घुलकर लोगों की सेहत को सीधा प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में मौजूद हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) या नाइट्रोजन यौगिक जैसे गैसें चांदी के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया कर उसे काला कर देती हैं। यही रासायनिक नमी अब लोगों के फेफड़ों में भी जा रही है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय जनता का कहना है कि जब तक लोग मर नहीं जाते, तब तक प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस ज़हरीले संकट पर चुप्पी साधे रहते हैं। उन्होंने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), और स्थानीय विधायक व प्रशासन को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर भी रोष जताया है।
जनता ने सवाल उठाए हैं कि क्या सरकार और प्रशासन अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं, या फिर राजनीतिक संरक्षण के चलते ये ज़हरीली इकाइयाँ खुली छूट के साथ चल रही हैं? इस जानलेवा प्रदूषण के खिलाफ अब जनआंदोलन की चेतावनी दी जा रही है। लोगों ने प्रधानमंत्री, पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।