SIT जांच में बड़ा खुलासा: आयोग के भीतर से हुआ पेपर लीक
राजस्थान में हुई 2021 की S.I परीक्षा को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (SIT) की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अंदर से ही परीक्षा से 35 दिन पहले प्रश्न पत्र लीक किया गया था। अजमेर स्थित आयोग के एक सदस्य ने इस साजिश में अहम भूमिका निभाई और पेपर को कुछ खास उम्मीदवारों तक पहुँचाया।
सदस्यों ने रिश्तेदारों को पहुँचाया पेपर
जांच में यह भी सामने आया है कि पेपर लीक करने के पीछे मुख्य उद्देश्य अपने रिश्तेदारों और बच्चों को लाभ पहुँचाना था। RPSC के पूर्व सदस्य रामू राम रायका ने अपने बेटे और बेटी को फायदा पहुँचाने के लिए परीक्षा के प्रश्न पत्र खरीदे और साझा किए। इस लीक में शामिल होने के आरोप में RPSC सदस्य बाबू लाल कटारा को निलंबित कर दिया गया है।
‘पेपर माफिया’ और इलेक्ट्रॉनिक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का खुलासा
SIT की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पेपर लीक सिर्फ एक सीमित दायरे तक नहीं रहा। पेपर तथाकथित ‘पेपर माफियाओं’ के नेटवर्क के जरिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से उम्मीदवारों तक पहुँचाया गया। यह नेटवर्क पूरे राजस्थान में फैला हुआ था और सैकड़ों छात्रों को अवैध रूप से प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए गए।
कहां से हुई लीक की शुरुआत?
SIT ने दो प्रमुख परीक्षा केंद्रों को इस लीक का शुरुआती बिंदु बताया है:
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हसनपुरा, जालौर का रावेंद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल
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बीकानेर जिले के रामपुरा बस्ती में श्री रामसाहय आदर्श माध्यमिक विद्यालय
जांच एजेंसी का मानना है कि इन केंद्रों के अलावा भी कई अन्य परीक्षा केंद्र इस साजिश का हिस्सा हो सकते हैं।
परीक्षा रद्द करने की सिफारिश
इस बड़े खुलासे के बाद SIT ने सिफारिश की है कि 2021 S.I परीक्षा को रद्द किया जाए, क्योंकि लीक का असर व्यापक रूप से परीक्षा की निष्पक्षता पर पड़ा है।
जालौर में सैकड़ों की गिरफ्तारी संभव
SOG के ADG वीके सिंह ने बताया कि जालौर जिले से आने वाले दिनों में 500 से 1000 लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक परीक्षा घोटाला नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध है जिसमें कई शिक्षण संस्थाएं, अधिकारी, और माफिया जुड़े हुए हैं।