जालौर: राजस्थान के नागौर जिले से ताल्लुक रखने वाले दलित समुदाय के 25 मजदूरों को जालौर जिले के आहोर तहसील स्थित रायथल गाँव में एक यादव ईंट भट्ठे पर बंधुआ मजदूर बनाकर रखे जाने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित मजदूरों की सूची सामने आने के बाद मामले ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये मजदूर बीकानेर, खांपुर, सोंथरा, और नागौर जिले के विभिन्न गाँवों से संबंधित हैं। इनमें पुरुषों के साथ महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं। पीड़ितों के अनुसार, इन्हें ईंट भट्ठे पर काम करने के लिए धोखे से लाया गया और फिर जबरन बंधुआ बनाकर रखा गया है। उन्हें न तो उचित मजदूरी दी जा रही है और न ही स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति।
सूची के अनुसार पीड़ितों में वीरशराम, पिंटूराम, हनुमानराम, नरसिंह, गणपत, बजरंग, देवाराम सहित कई महिला और बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से कुछ की उम्र केवल 1-2 वर्ष बताई गई है, जो कि पूरी तरह से अमानवीय व्यवहार की ओर संकेत करता है। मजदूरों को प्रताड़ित किए जाने, उनकी स्वतंत्रता छीने जाने और बच्चों तक को काम पर लगाने जैसी गंभीर बातें सामने आ रही हैं, जो बंधुआ श्रम कानून (Bonded Labour System Abolition Act) का खुला उल्लंघन है। स्थानीय सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त की है और जालौर जिला प्रशासन से मांग की है कि इन मजदूरों को तुरंत मुक्त कराया जाए और भट्ठा मालिकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं दूसरी ओर, राजस्थान सरकार से भी मांग उठाई गई है कि इस प्रकार के बंधुआ श्रम के मामलों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाए जाएं।