नागौर जिले की छात्राओं के इंतजार का समय समाप्त होने वाला है और आखिरकार वो समय आ गया है जिसका इंतजार लंबे समय से हो रहा था अब चयनित मेधावी छात्राओं को स्कूटियों की चाबी मिलने वाली है। शैक्षिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के तहत कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना में चयनित किए गए छात्राओं को स्कूटी अब तक नहीं मिल पाई थी। लेकिन अब राज्य सरकार ने 8 जुलाई से पहले इन स्कूटियों के वितरण करने का निर्णय लिया है।
जैसे ही सरकार से आदेश मिले, जिले के नोडल संस्थान श्री बीआर मिर्धा राजकीय महाविद्यालय ने वितरण की तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्कूटियां लंबे समय से शोरूम में खड़ी होने के कारण उनकी बैटरियां खराब हो गई थीं। इसलिए सरकार के निर्देश पर सभी स्कूटियों की बैटरी और ऑयल बदले जा रहे हैं ताकि छात्राओं को कोई तकनीकी परेशानी न हो।
क्यों हुआ विलंब?
पिछली सरकार के कार्यकाल के तहत वर्ष 2021-22 और 2022-23 की छात्राओं के लिए स्कूटी स्वीकृत तो हुई थीं लेकिन सरकार बदलने के बाद इनका वितरण अटक गया। वहीं, इसके बाद के सत्रों की छात्राओं को समय पर स्कूटी मिल गई, जिससे पहले के बैच की छात्राएं खुद को उपेक्षित महसूस कर रही थीं।
राजस्थान पत्रिका ने 3 अप्रैल को “प्रथम वर्ष में मिलने वाली स्कूटी से वंचित सैकड़ों प्रतिभावान छात्राएं, पूरी हो रही कॉलेज की पढ़ाई” शीर्षक से विशेष रिपोर्ट प्रकाशित कर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया था। इसके बाद नागौर सहित राज्य के अन्य जिलों में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। जनदबाव और मीडिया की सक्रियता के बाद अब सरकार ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की है।
योजना का उद्देश्य
राज्य सरकार की कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना के तहत 12वीं कक्षा के बाद सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाली मेधावी छात्राओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी दी जाती है। पिछले चार-पांच वर्षों में नागौर और डीडवाना-कुचामन जिलों की 1200 से अधिक छात्राओं को इस योजना का लाभ मिला है।अब जबकि 177 स्कूटियों की बैटरी और ऑयल बदलने का कार्य अंतिम चरण में है, जिला प्रशासन 8 जुलाई से पहले वितरण प्रक्रिया पूरी कर देगा। लंबे इंतजार के बाद इन होनहार बेटियों को अब उनका हक मिलने जा रहा है।