नई दिल्ली: देश के कृषि विकास और किसानों की समृद्धि के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक प्रमुख संस्थान की वैज्ञानिकों की 17 टीमों ने उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान के विभिन्न जिलों में जाकर कुल 51 गांवों में व्यापक किसान संवाद अभियान चलाया। इस अभियान के तहत लगभग 5450 किसानों से प्रत्यक्ष संवाद कर उनकी समस्याएं, ज़रूरतें और सुझाव जाने गए। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात, कन्नौज, इटावा, औरेया और फतेहपुर, कर्नाटक के कोप्पल तथा राजस्थान के बीकानेर जिले में वैज्ञानिकों की ये टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचीं। संवाद के दौरान टीमों ने किसानों से फसल उत्पादन, जल संरक्षण, मिट्टी की गुणवत्ता, उन्नत बीज, कीट नियंत्रण, पशुपालन और बाजार से जुड़ी समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की।
इस पहल का उद्देश्य था वैज्ञानिक शोध और ग्रामीण कृषि व्यवहार के बीच सेतु बनाना। वैज्ञानिकों ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, टिकाऊ खेती के उपायों और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ग्रामीण स्तर तक पहुँचाने का माध्यम बना, बल्कि इससे कृषि क्षेत्र में हो रहे वास्तविक बदलावों और किसानों की वर्तमान आवश्यकताओं को समझने में भी मदद मिली। स्थानीय प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों ने इस प्रयास की सराहना की और इसे ग्रामीण कृषि विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।