जयपुर: राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुए बहुचर्चित पेपर लीक घोटालों पर आधारित राजस्थानी फिल्म ‘ठेकेदारी: द ब्लड पेपर्स’ की टीम ने सामाजिक चेतना और युवाओं की पीड़ा को समझते हुए एक अहम कदम उठाया है। फिल्म के निर्माता-निर्देशक कुमार राजीव और पूरी स्टार-कास्ट ने गुरुवार शाम जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे पेपरलीक विरोधी धरने पर पहुँचकर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।

धरने पर बैठे युवाओं, बेरोजगार संघठनों और अभ्यर्थियों से संवाद करते हुए निर्देशक कुमार राजीव ने कहा, “यह फिल्म केवल एक कहानी नहीं, बल्कि हजारों युवाओं की सच्चाई है जिनके सपनों को ठेकेदारी तंत्र और भ्रष्टाचार ने कुचल दिया है। हमारा मकसद केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जन-जागरूकता भी है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सिस्टम में बदलाव नहीं होता, तब तक ऐसे आंदोलनों की जरूरत बनी रहेगी।

फिल्म की स्टार कास्ट ने भी छात्रों के साथ चर्चा की और बताया कि किस तरह उन्होंने इस विषय पर आधारित किरदारों को निभाने के दौरान असली संघर्ष को महसूस किया। फिल्म की कहानी में पेपर माफियाओं, भ्रष्ट अफसरों और युवाओं के संघर्ष को यथार्थ के करीब दिखाया गया है। ‘ठेकेदारी: द ब्लड पेपर्स’ हाल ही में YouTube पर रिलीज हुई है और दर्शकों से इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। यह फिल्म उन तमाम अभ्यर्थियों के दर्द को मंच देती है जो सालों से सरकारी नौकरियों की पारदर्शी प्रक्रिया की माँग कर रहे हैं।

धरने में फिल्म टीम की मौजूदगी ने छात्रों और युवाओं में नई ऊर्जा भर दी। अभ्यर्थियों ने फिल्म निर्माताओं का आभार जताया और उम्मीद जताई कि इस तरह की फिल्मों से समाज और सरकार तक उनकी आवाज़ और ज़्यादा प्रभावी ढंग से पहुँचेगी। फिल्म अब सिर्फ एक सिनेमा नहीं, आंदोलन का हिस्सा बन गई है।

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