राजस्थान में चल रहे छात्र आंदोलन और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में नागौर सांसद और RLP के संयोजक हनुमान बेनीवाल का पुतला कुछ अज्ञात लोगों द्वारा जलाया गया। यह कदम उनके उस बयान और कार्रवाई के विरोध में उठाया गया, जिसमें उन्होंने एक भ्रष्ट मंत्री को लेकर सीधा हमला बोला था।

लेकिन बेनीवाल ने इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कर दिया कि इस तरह के कायराना कदमों से वे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि “पुतला जलाने से सच्चाई नहीं जलती, और न ही मेरा संकल्प कमजोर होता है।” उन्होंने आगे लिखा कि जब भी उन्होंने किसी भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ लड़ाई शुरू की है, उसे अंतिम अंजाम तक पहुँचाया है — और इस बार भी ऐसा ही होगा।

पृष्ठभूमि और आंदोलन का स्वरूप:

पिछले कुछ समय से राजस्थान में युवाओं द्वारा सरकारी भर्ती घोटाले, परीक्षा रद्द होने, और योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि एक मंत्री के संरक्षण में कई घोटाले हुए हैं और कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती की जा रही है।

हनुमान बेनीवाल ने इन छात्रों का समर्थन करते हुए सरकार और मंत्री के खिलाफ खुली चुनौती दी। इसी के जवाब में उनके खिलाफ पुतला दहन जैसी राजनीति सामने आई है।

पुतला जलाना लोकतांत्रिक विरोध का हिस्सा हो सकता है, लेकिन जब यह सच्चाई को दबाने या डराने के लिए किया जाए, तो यह न केवल लोकतंत्र का अपमान है बल्कि जनभावनाओं की भी अनदेखी है। हनुमान बेनीवाल का जवाब यह स्पष्ट करता है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटने वाले हैं।यह आंदोलन अब केवल एक राजनेता के समर्थन का विषय नहीं रहा, बल्कि यह छात्रों, युवाओं और आम जनता की आवाज बन चुका है। यदि सरकार इस आवाज को अनसुना करती है, तो यह आने वाले समय में और बड़ा जन आंदोलन बन सकता है।

आंदोलन ने राजस्थान में एक बड़े छात्र आंदोलन ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह आंदोलन एक मंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के विरोध में शुरू हुआ है, जहां सरकारी भर्तियों और परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी, पदों की धांधली और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसे मुद्दे सामने आए हैं।

इस पूरे मामले ने तब ज़ोर पकड़ा जब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने छात्रों के समर्थन में मोर्चा खोल दिया। उन्होंने साफ कहा कि यह कोई सामान्य विरोध नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक संघर्ष है उन नीतियों और व्यक्तियों के खिलाफ, जिन्होंने लाखों बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों को तोड़ा है।

प्रदर्शन और नारे की गूंज

राजस्थान के विभिन्न जिलों में छात्रों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। हाथों में तख्तियाँ, नारों की गूंज और सोशल मीडिया पर लाइव अपडेट्स – यह आंदोलन तेजी से एक राज्यव्यापी मुद्दा बन गया। जयपुर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर समेत कई शहरों में धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की घटनाएं सामने आईं।

 

हनुमान बेनीवाल की भूमिका

बेनीवाल न केवल खुद प्रदर्शन में शामिल हुए, बल्कि उन्होंने मंच से भाषण देकर सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी कई भ्रष्ट लोगों को उनके अंजाम तक पहुँचाया है और यह मंत्री भी इससे बच नहीं पाएगा।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version