जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और युवा छात्रनेता निर्मल चौधरी को परीक्षा देते समय पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया, अब उन्हें जयपुर की स्थानीय अदालत से ज़मानत मिल गई है। जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए निर्मल चौधरी ने कहा, “मुझसे आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया। मैंने अपने एक भाई को न्याय दिलाया था, और अब उसी की सज़ा मुझे दी जा रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव में की गई है और यह छात्रों की आवाज़ को दबाने का एक तरीका है। चौधरी ने कहा कि वे कानून में विश्वास रखते हैं और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी लड़ाई जितना चाहते है।जानकारी के मुताबिक निर्मल चौधरी को एक पुराने प्रकरण के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसकी सुनवाई लंबित थी। जब वे विश्वविद्यालय में परीक्षा दे रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया। छात्र संगठनों और समर्थकों ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और इसे छात्रों के मौलिक अधिकारों पर हमला कहा ।
गिरफ्तारी के बाद कई छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए और इसे लोकतंत्र विरोधी क़दम करार दिया। सोशल मीडिया पर भी ‘#JusticeForNirmal’ ट्रेंड करने लगा। जयपुर की अदालत ने निर्मल चौधरी को सशर्त ज़मानत प्रदान की है और उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई की तारीख आगामी सप्ताह में निर्धारित है। यह मामला केवल एक छात्रनेता की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि छात्र राजनीति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से भी जुड़ा हुआ है। इस पर निष्पक्ष जांच और न्यायिक प्रक्रिया की ज़रूरत है, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।