जयपुर: राजस्थान पुलिस ने राज्य में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से एक अहम निर्देश जारी किया है। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) अधिनियम, 2000 के तहत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे और अन्य तेज आवाज वाले ध्वनि यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है। पुलिस ने साफ किया है कि इस नियम का उल्लंघन करने पर उपकरण जब्त किए जा सकते हैं और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह नियम सिर्फ आम दिनों के लिए नहीं, बल्कि परीक्षा, चिकित्सा और अन्य संवेदनशील अवसरों पर और भी सख्ती से लागू किया जाएगा। ऐसे मौकों पर ध्वनि यंत्रों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है। राजस्थान पुलिस ने आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा है, “सांस्कृतिक कार्यक्रम, शादी या धार्मिक आयोजन के दौरान भी सभी को तय समय सीमा का पालन करना अनिवार्य है। नियम सभी के लिए समान हैं।”
ध्वनि प्रदूषण से कई तरह की समस्याएं होती हैं। बुजुर्गों, बीमार व्यक्तियों, विद्यार्थियों और नवजात शिशुओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह कानून केवल नियंत्रण के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का माध्यम भी है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि रात 10 बजे के बाद तेज आवाज़ में डीजे बजने की सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही आयोजकों को पहले से ही लिखित अनुमति लेने और समय का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है। राजस्थान पुलिस की अपील है कि सहयोग करें एवं नियमों की पालना करें।