जयपुर: राजस्थान में जल प्रबंधन और सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से पार्वती-कालीसिंध-चम्बल (पीकेसी) लिंक परियोजना को अब तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री की तत्परता से इस संशोधित परियोजना को केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर प्राथमिकता दी जा रही है। एक्वाडक्ट (Aqueduct) एक विशेष प्रकार की संरचना होती है जिसका उपयोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक पानी पहुँचाने के लिए किया जाता है, खासकर जब रास्ते में घाटियाँ, नदियाँ या अन्य बाधाएँ हों।

आसान भाषा में समझें:

जब किसी जगह से दूसरी जगह पानी ले जाना होता है और बीच में नदी, सड़क या कोई गहरी घाटी आ जाए, तो उस बाधा के ऊपर से या उसके पार पुल जैसे ढांचे के जरिए पानी को ले जाया जाता है उसी ढांचे को एक्वाडक्ट कहा जाता है।

क्या इससे वन्य जीवन को खतरा है?

चम्बल नदी पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यह नदी घड़ियाल, डॉल्फिन, मगरमच्छ, कछुए और सैकड़ों प्रवासी पक्षियों का प्राकृतिक आवास है। इसलिए परियोजना के निर्माण से वन्य जीवन पर असर पड़ने की आशंका भी जताई गई है। इस प्रकार के जोखिम को कम करने के लिए कुछ उपाय अपनाने की बात तो की जा रही हैं पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट के अनुसार निर्माण कार्य किया जाएगा और वन्य जीवों की निगरानी और सुरक्षा के लिए संरक्षण योजनाएं लागू होंगी। निर्माण कार्य को प्रजनन मौसम से अलग समय में करने के निर्देश दिए जाएंगे। एक्वाडक्ट को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि प्राकृतिक आवासों में न्यूनतम हस्तक्षेप हो।

चम्बल नदी परियोजना में एक्वाडक्ट क्यों?

क्योंकि पीकेसी लिंक परियोजना के तहत पानी को एक नदी (चम्बल) को पार करके दूसरी ओर भेजना है। अगर सामान्य पाइपलाइन या नहर बनाई जाती, तो वह नदी में बह जाती या टूट सकती थी। इसलिए एक मजबूत और ऊंचा ढांचा बनाकर उसके ऊपर से पानी ले जाया जाएगा — यही एक्वाडक्ट होगा। परियोजना के अंतर्गत चम्बल नदी पर प्रस्तावित एक्वाडक्ट (जल पुल) के निर्माण के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की ओर से स्वीकृति जारी कर दी गई है। यह स्वीकृति लंबे समय से लंबित कार्यों को गति प्रदान करेगी और परियोजना की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

एक्वाडक्ट निर्माण से उन क्षेत्रों में जल आपूर्ति को स्थायी समाधान मिलेगा जहाँ पानी की उपलब्धता सीमित है। साथ ही इससे सिंचाई सुविधाएं बेहतर होंगी और किसान लाभान्वित होंगे। सरकार का कहना है कि यह परियोजना राज्य के जल संकट को दूर करने और कृषि उत्पादन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। आने वाले समय में इस परियोजना के माध्यम से कई जिलों को स्थायी जल स्रोत उपलब्ध हो सकेगा।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version