भजनलाल सरकार की विफलताओं के विरोध में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बयान अब मुखर रूप से पब्लिक फोरम में भी आने लगे हैं।

वसुंधरा राजे ने क्या कहा

झालावाड़ में एक कार्यक्रम के दौरान वसुंधरा राजे ने कहा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है।अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूँगी।

क्यों आग बबूला हुई वसुंधरा राजे

रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए। सरकार के कुप्रबंधन से प्रदेश में बिजली-पानी की समस्या गहराती जा रही है राजस्थान के परिपेक्ष्य में यह समस्या कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप खुद भी लगा सकते है।, सरकार ने डेढ साल में कोई प्रबंध नहीं किया। हावी अफसरशाही की वजह से सरकार की तैयारियां और नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित है इसका उदाहरण तृतीय श्रेणी के शिक्षकों का तबला न किया जाना एवं जोजरी नदी का प्रदूषण है।

विषय की गंभीरता

पक्ष के लोगों का विपक्ष में बोलना बहुत ही गंभीरता का विषय है, वसुंधरा पूर्व में मुख्यमंत्री भी रही तो वह राजस्थान की राजनीति को ठीक से समझती ही हैं अब यह देखना रोचक होगा कि राजनीति को लेकर बयान दिया गया या भजनलाल सरकार की व्यवस्था को लेकर दोनों ही परिस्थिति में विषय भाजपा संगठन के लिए सुखद संकेत नही दे रहें।

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