नागौर की मशहूर पान मैथी को अब राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिल गई है। लंबे समय से लोकसभा में नागौरी पान मैथी को भारतीय मसाला बोर्ड की अनुसूची सूची में शामिल करने और GI (Geographical Indication) टैग दिलाने की मांग उठती रही थी। अब भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पान मैथी को मसाला बोर्ड की सूची में सम्मिलित कर लिया है। इस संबंध में गजट अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। यह निर्णय नागौर जिले के हजारों किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से बेहद फायदेमंद साबित होगा। पान मैथी को अब न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्राथमिकता मिलेगी। इससे इसके निर्यात में वृद्धि होगी और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।

GI टैग की दिशा में एक और कदम

मसाला बोर्ड की सूची में सम्मिलन के साथ ही नागौरी पान मैथी को GI टैग दिलाने की प्रक्रिया भी मजबूत हो गई है। GI टैग किसी विशेष क्षेत्र की पारंपरिक कृषि उपज को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने में मदद करता है। इससे नकली या घटिया उत्पादों की बिक्री पर रोक लगेगी और असली नागौरी पान मैथी को ही पहचान मिलेगी। नागौर के किसान नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और इसे क्षेत्र की कृषि एवं परंपरागत ज्ञान की जीत बताया है। अब समय है नागौरी पान मैथी को वैश्विक मंच पर ले जाने का।

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