जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर का हाल ही में किया गया विदेश दौरा अब राजनीतिक विवादों में घिरता जा रहा है। विपक्ष ने इस दौरे को लेकर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह दौरा सरकारी अनुमति से हुआ था या नहीं। नगर निगम ग्रेटर में नेता प्रतिपक्ष प्रतिपक्ष चौधरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि जब किसी विदेशी दौरे पर जाते हैं, तो उन्हें स्पष्ट रूप से यह बताना होता है कि यात्रा निजी है या सरकारी। यदि सरकारी दौरा है, तो मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्रालय से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। यदि निजी दौरा है, तब भी पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है ताकि जनता के बीच किसी तरह की गलतफहमी न हो।

इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान सरकार के मंत्री झार सिंह खऱी ने कहा कि मेयर का यह दौरा सरकार से अनुमति लेकर नहीं किया गया, और इस पर प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दौरे में सरकारी खर्च या किसी तरह का सरकारी सहयोग लिया गया है, तो यह नियमों का उल्लंघन है और इसकी जांच आवश्यक है।

विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरे में सरकारी धन का उपयोग हो सकता है, जिसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। यह सवाल उठ रहा है कि जब सरकार की अनुमति नहीं थी, तो किस आधार पर यह विदेश यात्रा की गई? अब देखना होगा कि सरकार इस मामले की जांच किस स्तर तक ले जाती है और क्या मेयर के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं। फिलहाल यह मामला राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है।

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