राजस्थान में हाल ही में हुई घटनाओं ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। अलवर के ESIC अस्पताल में ICU में भर्ती एक महिला के साथ नर्सिंगकर्मी द्वारा दुष्कर्म की शर्मनाक घटना ने अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं NEET परीक्षा में 60 लाख रुपये में फर्जी परीक्षार्थियों को बैठाने का खुलासा हुआ है, जिसमें डॉक्टरों की संलिप्तता भी सामने आई है। यह घटना बताती है कि शिक्षा अब मेहनत और प्रतिभा से नहीं, बल्कि पैसे और जुगाड़ से खरीदी जा रही है।

राज्य में S.I. भर्ती परीक्षा का पेपर चार दिन पहले लीक होना और उसमें RPSC के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा का नाम आना यह दर्शाता है कि पेपर माफिया सरकार के संरक्षण में सक्रिय हैं। इससे प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। सबसे शर्मनाक घटना बारां जिले की रही, जहां एक छात्रा के अंग्रेज़ी में सवाल पूछने पर शिक्षा मंत्री ने उसके कान पकड़ लिए। यह घटना शिक्षा मंत्री की नासमझी और छात्र के आत्मसम्मान के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर करती है। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था दोनों ही चरमरा चुकी हैं। सरकार सिर्फ प्रचार और इवेंट की राजनीति कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version