जोधपुर, राजस्थान – जोजरी नदी के गंभीर प्रदूषण के चलते वन्यजीवों, विशेषकर दुर्लभ प्रजाति के काले हिरणों की दयनीय स्थिति सामने आ रही है। हाल ही में जोजरी नदी के किनारे एक और काले हिरण को तड़पते हुए देखा गया, जिसकी स्थिति बेहद दर्दनाक थी। यह मंजर देखकर हर संवेदनशील व्यक्ति का दिल दहल जाए, लेकिन अफसोस की बात है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि अब तक उदासीन बने हुए हैं।

 

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि उन्होंने कई बार राजस्थान के मुख्यमंत्री, वन मंत्री, और जोधपुर के नेताओं से निवेदन किया है कि जोजरी नदी के प्रदूषण को रोका जाए और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

बात यहीं खत्म नहीं होती — बालोतरा के रेंजर को फोन कर तत्काल सूचना दी गई, जिस पर उन्होंने रेस्क्यू टीम भेजने की बात कही। गौरतलब है कि इसी तरह की एक घटना पहले भी हुई थी, जब एक वीडियो पर्यावरण मंत्रालय (@moefcc) तक पहुँचा और अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाकर स्थल का दौरा भी किया। फिर भी, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं और आम जनता का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह संकट और गंभीर रूप ले सकता है। काले हिरण जैसे संरक्षित प्रजातियों के इस तरह दम तोड़ने से न केवल जैव विविधता को नुकसान हो रहा है, बल्कि यह वन विभाग की जवाबदेही पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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