जयपुर: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे व्यावसायिक शिक्षकों ने अपनी नौकरी पक्की करने की माँग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दिया। ये शिक्षक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) के तहत कई सालों से स्कूलों में बच्चों को कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थ केयर, रिटेल जैसे विषयों में प्रशिक्षण दे रहे हैं। लेकिन इनकी नौकरी अभी भी कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) पर है।

शिक्षकों की प्रमुख समस्याएँ:  

नौकरी की अनिश्चितता: कई सालों से लगातार काम करने के बावजूद हर साल उनका अनुबंध रिन्यू होता है, जिससे भविष्य को लेकर असुरक्षा बनी रहती है।

कम वेतन: इन शिक्षकों को बहुत कम मानदेय मिलता है, जो महँगाई के इस दौर में पर्याप्त नहीं है।

कोई सरकारी लाभ नहीं: इन्हें न पेंशन मिलती है, न मेडिकल सुविधा और न ही अन्य सरकारी कर्मचारियों जैसे लाभ।

प्रमोशन या वेतन वृद्धि नहीं: वर्षों काम करने के बावजूद न वेतन बढ़ता है और न पदोन्नति होती है।

मानसिक दबाव: नौकरी जाने का डर और परिवार की ज़िम्मेदारियाँ शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं।

धरने में नागौर सांसद और आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल भी शामिल हुए। उन्होंने शिक्षकों की माँग का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को तुरंत उनकी मांगें माननी चाहिए। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

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