अजमेर: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, जो विश्व भर में शांति, प्रेम और आध्यात्मिकता का प्रतीक मानी जाती है, सोमवार को एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनी। देशभक्ति और सौहार्द का अद्भुत दृश्य दरगाह के बाहर तब देखने को मिला जैसे ही विशाल तिरंगा रैली पहुंची, वहां मौजूद लोगों ने उसका भव्य स्वागत किया। देशभक्ति के नारों से वातावरण गूंज उठा और पूरे क्षेत्र में एकता और भाईचारे का संदेश फैल गया।

इस तिरंगा रैली में बड़ी संख्या में युवक-युवतियां, सामाजिक संगठन, और आम नागरिक शामिल हुए। हाथों में लहराते तिरंगे और वंदे मातरम्, भारत माता की जय जैसे नारों के साथ रैली जैसे ही दरगाह क्षेत्र में पहुंची, वहां मौजूद लोगों ने तालियों और पुष्पवर्षा से स्वागत किया। रैली में लोगों की उमंग और ऊर्जा देखने लायक थी।

दरगाह के प्रबंधन और स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी इस रैली का खुले दिल से स्वागत किया, जिससे यह साफ हो गया कि भारत की विविधता में एकता की भावना आज भी जीवंत है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह का देशभक्ति से ओतप्रोत दृश्य भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करता है। लोग इसे देश की एकता और सौहार्द की मिसाल के रूप में देख रहे हैं।

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