जोधपुर: राजस्थान का गौरव कहे जाने वाले शहर जोधपुर में DPS सर्किल पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा किए जा रहे उगाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं। एक हालिया प्रकरण में एक महिला वाहन स्वामी ने आरोप लगाया है कि उनकी रजिस्टर्ड इनोवा गाड़ी को केवल एक मामूली बंपर के लिए रोका गया और फिर रिश्वत की मांग की गई।

गाड़ी के पीछे एक छोटा-सा बंपर लगा था, जो वाहन निर्माता कंपनी द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से लगाया गया था ताकि पीछे से टक्कर की स्थिति में बड़ा नुकसान न हो। लेकिन मौके पर तैनात पुलिसकर्मी ने इसे अपराध बताते हुए 1000 रुपये के चालान की धमकी दी और फिर मामला 500 रुपये देकर छोड़ने की पेशकश पर आ गया। महिला का कहना है कि “जब मैंने सवाल किया कि यह कोई ऐसा अपराध नहीं है जिससे जनहानि या सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ हो, तो मुझे बदतमीजी से जवाब दिया गया। पास में खड़ी पाँच अन्य गाड़ियों को 500-500 रुपये रिश्वत लेकर जाने दिया गया।”

सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जब उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी को ट्वीट करने की बात कही तो जवाब मिला: “उससे क्या होगा? उनका भी हिस्सा जाता है।”

भ्रष्टाचार का खुला खेल

DPS सर्किल की यह स्थिति कोई अकेली घटना नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां हर छोटी-मोटी गलती को जुर्माना नहीं, “कमाई का जरिया” बनाया जा रहा है।

हर दूसरी गाड़ी में बंपर लगा है,

जेब्रा लाइन की मामूली उल्लंघन पर पुलिस ऐसे पेश आती है जैसे सीमा पार हो गई हो, और हर बार 500 रुपये में मामला रफा-दफा हो जाता है।

जनता में रोष, पुलिस की साख पर सवाल

पुलिस की इस कार्यप्रणाली ने आम नागरिकों में भारी असंतोष और अविश्वास पैदा किया है।

एक नागरिक का कहना था: “पुलिस की वर्दी अब सुरक्षा का नहीं, डर और वसूली का प्रतीक बनती जा रही है।” वहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की हराम की कमाई का असर आने वाली पीढ़ियों पर होता है, और यह एक नैतिक एवं सामाजिक अपराध है, जो समय के साथ अपने परिणाम जरूर देता है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version