भरतपुर: विकसित भारत 2047 के अंतर्गत “विकसित कृषि संकल्प अभियान” (वी.के.एस.ए.) का आयोजन भरतपुर जिले के महटोली गांव में किया गया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना, और किसानों की आय में वृद्धि के उपायों की जानकारी देना रहा। इस अवसर पर डॉ. एम.डी. मीणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईसीएआर – भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान (आईआईआरएमआर), भरतपुर ने बतौर मुख्य वक्ता भाग लिया। उन्होंने किसानों को आधुनिक कृषि वैज्ञानिक तकनीकों, फसल विविधिकरण, सिंचाई प्रबंधन, मृदा स्वास्थ्य सुधार, और जैविक खेती के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसानों को वैज्ञानिक सोच और नवाचार को अपनाना होगा।

डॉ. मीणा ने सरसों, गेहूं, एवं अन्य प्रमुख फसलों के लिए उन्नत किस्मों, फसल सुरक्षा उपायों, और समय पर फसल चक्र परिवर्तन पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, और प्राकृतिक खेती अभियान के बारे में भी जागरूक किया। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और कृषि से संबंधित विभिन्न सवालों पर खुलकर चर्चा की। इस मौके पर कृषि विभाग के अधिकारी, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, कृषि छात्र, एवं लगभग 100 किसान उपस्थित रहे। यह अभियान किसानों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा, जो विकसित भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है। अंत में, सभी को संकल्प दिलाया गया कि वे वैज्ञानिक तरीकों से खेती को अपनाकर समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देंगे।

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