जैसलमेर, राजस्थान: देश की वन्यजीव धरोहर गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के संरक्षण के लिए पिछले 12 वर्षों से जी-जान से प्रयासरत एक समर्पित पर्यावरण कार्यकर्ता राधेश्याम धोलिया का आज निधन हो गया। जनमानस में “गोडावण मैन ऑफ इंडिया” के नाम से प्रसिद्ध इस जांबाज योद्धा ने अपने जीवन की हर सांस इस संकटग्रस्त पक्षी को बचाने में लगा दी। मांग उठ रही है कि उन्हें “शहीद” का दर्जा दिया जाए। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमा रहा है, और लोग सांसद संजय सिंह से इस पर संज्ञान लेने की अपील कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरह से उन्होंने निस्वार्थ भाव से एक विलुप्तप्राय जीव की रक्षा की, वह किसी सैनिक के बलिदान से कम नहीं।

गोडावण जैसी विलुप्त होती प्रजाति के संरक्षण में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है। उन्होंने न सिर्फ अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाई बल्कि वन विभाग और प्रशासन के साथ मिलकर कई बार खतरे उठाकर अवैध शिकार को रोका। अब यह एक राष्ट्रीय सवाल बन चुका है क्या भारत सरकार एक ऐसे सच्चे नायक को वह सम्मान देगी, जिसके लिए उसने जीवन भर लड़ाई लड़ी?

 

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