जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर की एक जिला अदालत ने 11 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के दो विधायकों सहित कुल नौ लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। यह मामला 13 अगस्त 2014 का है, जब राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट के बाहर प्रदर्शन के दौरान जेएलएन मार्ग को करीब 20 मिनट तक बाधित किया गया था।

जयपुर महानगर प्रथम की एसीजेएम-19 अदालत ने लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, शाहपुरा विधायक मनीष यादव, झोटवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अभिषेक चौधरी सहित राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानूप्रताप सिंह और विद्याधर मील को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत रास्ता रोकने और विधि विरुद्ध जमावड़ा करने का दोषी पाया।

अभियोजन का पक्ष

अभियोजन अधिकारी कविता पिंगोलिया ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 11 अगस्त 2016 को चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट में चले लंबे ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों के आधार पर सभी आरोपियों की संलिप्तता साबित की।

क्या है पूरा मामला?

13 अगस्त 2014 को राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर छात्र-हितों को लेकर एक प्रदर्शन किया गया था, जिसके दौरान जेएलएन मार्ग को बाधित कर यातायात रोक दिया गया। इस कारण आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाई किया था।

सजा के बाद मिली जमानत

कोर्ट ने सभी नौ दोषियों को एक साल की सजा सुनाई, लेकिन सजा के तुरंत बाद उन्हें जमानत पर रिहा भी कर दिया गया। अदालत ने सभी को फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए एक महीने का समय दिया है।

पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार

अभी तक कांग्रेस पार्टी की ओर से इस फैसले को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेता इस निर्णय के कानूनी पहलुओं की समीक्षा कर रहे हैं और आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं। यह मामला राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें दो मौजूदा विधायक और एक पूर्व प्रत्याशी शामिल हैं, जिनका प्रदेश की राजनीति में सक्रिय योगदान रहा है।

 

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