जयपुर: राजस्थान में इस समय भीषण गर्मी और बिजली संकट ने आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बिजली की मांग में तेजी से वृद्धि के बावजूद आपूर्ति में कमी के कारण अनियमित कटौती हो रही है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को 15 मई तक जल आपूर्ति संबंधी सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल संकट पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें हैंडपंप और ट्यूबवेल की स्थापना, पाइपलाइन मरम्मत और स्मार्ट मीटर लगाने जैसे कार्य शामिल हैं।

राज्य सरकार ने जल संकट से निपटने के लिए 17 जिलों में 5,120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिसमें जयपुर के लिए 560 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है। इसके तहत जल आपूर्ति प्रणाली का सुदृढ़ीकरण और नई जल लाइनों का निर्माण किया जाएगा।

हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट और भी गहरा हो गया है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल निकासी की दर पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो हालात और खराब हो सकते हैं।

इस बीच, सरकार ने इसार्दा डेम परियोजना को प्राथमिकता देते हुए जयपुर व आसपास के क्षेत्रों में जल संकट के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह परियोजना जल प्रबंधन और जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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