आमेर: राजस्थान के जयपुर जिले के आमेर तहसील स्थित ग्राम रुण्डल में स्थित भगवान परशुराम जी की तपोस्थली के आसपास अवैध खनन की गतिविधियों की खबरें सामने आ रही हैं। स्थानीय निवासि कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि एक पवित्र धार्मिक स्थल की गरिमा को भी ठेस पहुँचा रहा है।

रुण्डल गांव में अवैध खनन के बारे में विशेष रूप से कोई आधिकारिक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है, लेकिन जयपुर जिले के अन्य क्षेत्रों में अवैध खनन की घटनाएं व्यापक रूप से दर्ज की गई हैं। उदाहरण के लिए, कालवाड़ क्षेत्र में दादर नरदपुरा पहाड़ी पर अवैध खनन के कारण पहाड़ी का बड़ा हिस्सा गायब हो गया है। यहाँ 13 पट्टों के अंतर्गत 19 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति थी, लेकिन वास्तविकता में लगभग 3 लाख टन पत्थर निकाले गए, जो कि रिकॉर्ड किए गए मात्रा से छह गुना अधिक है ।

 

राज्य सरकार ने अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई करते हुए हाल ही में भरतपुर जिले में 180 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस कार्रवाई के दौरान 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 43 FIR दर्ज की गईं। इसके अतिरिक्त, राजस्थान उच्च न्यायालय ने चंबल और बनास नदी क्षेत्रों में अवैध रेत खनन की जांच के लिए सीबीआई को निर्देशित किया है ।

रुण्डल गांव में अवैध खनन की पुष्टि के लिए स्थानीय प्रशासन, खनन विभाग और पर्यावरणीय एजेंसियों को तत्काल जांच करनी चाहिए। यदि यह आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय होगा, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत संवेदनशील मामला होगा।

स्थानीय समुदाय, पर्यावरण कार्यकर्ता और धार्मिक संस्थाएं मिलकर इस मुद्दे को उजागर कर सकते हैं और आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों पर दबाव बना सकते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों के माध्यम से इस विषय को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हो सकता है, जिससे अवैध खनन पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है।

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