भूपालसागर: राजस्थान के स्वाभिमान, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की प्रतिमूर्ति ‘हिंदुआ सूर्य’ वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के शुभ अवसर पर आज भूपालसागर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर महाराणा प्रताप, त्याग की प्रतीक पन्ना धाय और आदिवासी योद्धा राणा पूंजा की भव्य प्रतिमाओं का अनावरण कर उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की गई। हल्दीघाटी के युद्ध में उनकी वीरता ने यह सिद्ध कर दिया कि मातृभूमि की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान छोटा नहीं होता। उन्होंने कभी अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और जीवनभर स्वतंत्रता की अलख जलाते रहे।
मात्तृत्व और बलिदान की मिसाल – पन्ना धाय
पन्ना धाय ने अपने पुत्र का बलिदान देकर महाराणा उदय सिंह की रक्षा की और मेवाड़ को उसके उत्तराधिकारी से वंचित नहीं होने दिया। उनका त्याग भारतीय इतिहास में मातृत्व के सबसे ऊंचे आदर्श के रूप में दर्ज है।
आदिवासी शौर्य का प्रतीक – राणा पूंजा
राणा पूंजा, जो भील समुदाय से थे, महाराणा प्रताप के संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर लड़े। वे सामाजिक समरसता और आदिवासी वीरता के प्रतीक हैं। उनका नाम यह बताता है कि देश की रक्षा के लिए हर वर्ग ने अपना योगदान दिया है।
राजस्थान – त्याग और अर्पण की भूमि
समारोह में वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान की धरती न केवल इतिहास के गौरवशाली पन्नों की साक्षी रही है, बल्कि आज भी वह बलिदान और त्याग की प्रेरणा देती है। यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने और उन्हें राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने का माध्यम बनेगा। केवल भारत में नहीं बल्कि अफ्रीका में भी पुनर्जागरण की लहर
घाना: राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा
घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा ने 2025 में सत्ता संभालने के बाद, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ $3 बिलियन के ऋण कार्यक्रम की समीक्षा की पहल की है। उनका उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिरता को पुनः प्राप्त करना और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। उनकी सरकार ने सार्वजनिक खर्च में कटौती और कर सुधारों के माध्यम से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं।
बुर्किना फासो: राष्ट्रपति इब्राहिम ट्राओरे
बुर्किना फासो में, राष्ट्रपति इब्राहिम ट्राओरे के नेतृत्व में सरकार ने विदेशी स्वामित्व वाली सोने की खदानों का राष्ट्रीयकरण किया है। 2024 के अंत में, सरकार ने एंडेवर माइनिंग कंपनी से दो खदानों को लगभग $80 मिलियन में अधिग्रहित किया, जिससे देश की खनिज संपदा पर नियंत्रण स्थापित हुआ।
जाम्बिया: अर्थशास्त्री ग्रीव चेल्वा
जाम्बिया के प्रमुख अर्थशास्त्री ग्रीव चेल्वा ने IMF और विश्व बैंक की नीतियों की आलोचना करते हुए, देश को वैकल्पिक वित्तीय मार्ग अपनाने की सलाह दी है। उनका मानना है कि जाम्बिया को IMF के ऋणों पर निर्भर रहने के बजाय, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सस्ते बांड जारी करके वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करनी चाहिए।
बेनिन: वित्त मंत्री रोमुआल्ड वाडग्नि
बेनिन के वित्त मंत्री रोमुआल्ड वाडग्नि ने 2023 में IMF के साथ $200 मिलियन के दो वर्षीय समझौते को सफलतापूर्वक लागू किया है। उनकी नीतियों के परिणामस्वरूप, बेनिन को वैश्विक कर व्यय पारदर्शिता सूचकांक में अफ्रीका में पहला स्थान प्राप्त हुआ।
सेनेगल: राष्ट्रपति बसीरू डियोमाए फाये
सेनेगल के राष्ट्रपति बसीरू डियोमाए फाये ने 2024 में एक ऑडिट के माध्यम से देश के बजट घाटे को उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप IMF के साथ $1.9 बिलियन के कार्यक्रम को रोक दिया गया। उनकी सरकार अब सतत ऋण प्रबंधन के लिए निवेशकों के साथ पुनः भुगतान शर्तों पर बातचीत कर रही है। इन नेताओं की पहलें यह दर्शाती हैं कि अफ्रीका के विभिन्न देश अपनी आर्थिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। इन प्रयासों से न केवल उनके देशों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि वे वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान मजबूत कर रहे हैं।